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इन तीनों को जोड़ने से (8+6+20), 34 संख्या आई। अब 3+4 को जोड़कर सूक्ष्म संख्या 7 निकाल ली। यानी भाग्यांक 7 हुुआ। इस अंक का बहुत महत्व है इसलिए इसे भाग्य का चमत्कारिक अंक भी कहते हैं।> भाग्यांक 1 के लिए भाग्यशाली वर्ष वही सिद्ध होंगे जिनका योग 1 होता है या फिर मित्र अंकों से संबंधित वर्ष भी बेहतर सिद्ध होंगे, जैसे 1 भाग्यांक के लिए सन् 1999, 2008, 2017 उत्तम सिद्ध होंगे और उसके मित्र अंक 3, 5, 7 सहायक सिद्ध होंगे।