जगन्नाथ रथ यात्रा २०२२

जगन्नाथ रथा यात्रा २०२२

जगन्नाथ रथा यात्रा २०२२


 हर साल रथ यात्रा ओडिशा के पुरी शहर में आयोजित की जाती है, नौ दिवसीय वार्षिक उत्सव 1 जुलाई से शुरू होगया है और 9 जुलाई को भौड़ा यात्रा के साथ समाप्त होगा। यह सबसे पुरानी रथ यात्रा है, जिसका विवरण ब्रह्म पुराण, पद्म पुराण और स्कंद पुराण और कपिला संहिता में पाया जा सकता है।

 

जगन्नाथ रथ यात्रा सबसे बड़े और सबसे प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है। रथ यात्रा हर साल ओडिशा के पुरी में आयोजित की जाती है, जो भगवान जगन्नाथ, भगवान बलराम और देवी सुभद्रा के तीन रथों पर गुंडिचा मंदिर के प्रवास का प्रतीक है। देवताओं का जन्मस्थान। भगवान का रथ खींचकर पुण्य कमाने के भाव से लाखों भक्त पुरीधाम पहुंच चुके हैं. प्रदेश सरकार ने पूरी यात्रा शांतिपूर्ण कराने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं.

 

जगन्‍नाथ यात्रा का हिंदू धर्म में बेहद खास महत्व माना जाता है, और इसका आयोजन किसी उत्‍सव के जैसा ही किया जाता है। लेकिन पिछले साल से कोरोना की वजह से जगन्‍नाथ यात्रा के आयोजन का उत्‍सव काफी फीका पड़ चुका था। पर इस साल बड़ीधूम धाम से मनाया जा रहा है |

 

जगन्नाथ यात्रा का महत्व

हिंदू धर्म में इस रथ यात्रा का विशेष महत्व है इस यात्रा में शामिल होने के लिए लोग सिर्फ देश से ही नहीं बल्कि विदेश से भी आते हैं। हिंदू धर्म में जगन्नाथ पुरी को मुक्ति का द्वार भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी इस यात्रा में शामिल होता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।