बादल कैसे गरजता है?


बजली चमन से हम दर जाते है, और हमे दर रहता है की कही वो हमपे न गिर जाये। बिजली चमकने के बाद जो जोरदार आवाज सुनाई देती है उसे ही बादल का गरजना कहा जाता है. बिजली चमकने के साथ ही बिजली के आवेश और चुम्बकीय प्रभाव के कारण जल, बर्फ और हवा के कण आपस में टकराते हैं. इनके टकराने के साथ ही एक जोरदार ध्वनि उत्पन्न होती है जिसे हम बिजली गर्जना भी बोलते है।  ये सभी ध्वनियाँ आपस में मिलकर बादलों की गर्जना का रूप ले लेती हैं. इसके साथ ही बिजली के बहुत गर्म होने के कारण उसके इर्द-गिर्द की हवा भी तेजी से गर्म होकर धमाके जैसी आवाज के साथ फैलती है.

 

अगर बिजली हमारे कानो के आसपास कड़कती है तो हमे एक तेज टकराहट जैसी आवाज सुनाई देती है, लेकिन जब यही बिजली कहीं दूर कड़कती तो हमे बादलों की तेज और गहरी गर्जन सुनाई देती है. ऐसा इसलिए क्योंकि दूर हुई आवाज कई चीजों से टकराती हुई हम तक पहुंचती है और उस दौरान हम एक नहीं बल्कि एक ही आवाज की अलग-अलग कोणों से आई प्रतिध्वनी या गूंज (Echo) को सुनते हैं. और नजदीक आते ही यह आवाज तीखी और ऊँची हो जाती है.

 

बादल का गर्जना और बिजली का चमकना दोनों एक ही साथ होते हैं लेकिन गर्जन की आवाज हमे देर से सुनाई देती है क्योंकि प्रकाश की गति, ध्वनि की गति से अधिक होती है.