बादलों की वाष्पीकरण के तरीके


बादलों की वाष्पीकरण यह दो तरह से हो सकता है:

 

हवा में पानी की मात्रा बढ़ जाना – वाष्पीकरण के माध्यम से इस हद तक कि हवा और पानी नहीं रख सकता है।
हवा को उसके ओस बिंदु तक ठंडा किया जाता है और वह बिंदु जहां संक्षेपण होता है तथा हवा अधिक पानी धारण करने में असमर्थ होती है।

 

जल से सबसे ज्यादा कब वाष्पीकरण होता है। 

 

हवा जितनी गर्म होती है, उतना ही अधिक जलवाष्प  होता है। बादल आमतौर पर संघनन के माध्यम से उत्पन्न होते हैं, जिसके कारन हवा ऊपर उठती है, यह ठंडी हो जाती है, और हवा के तापमान को कम करने से जल वाष्प को धारण करने की क्षमता कम हो जाती है जिससे संक्षेपण होता है।  जिस ऊँचाई पर ओस बिंदु पहुँचता है और बादल बनते हैं उसे संघनन स्तर कहते हैं।

 

पानी कहां से जल्दी वाष्पीकरण होता है?

 

पानीसब्जी जल्दी वाष्पीकरण होता है  समुद्रों, झीलो, नदियों, ट्यूबवेल, मैदानों से वाष्पीकरण होता है । आपने देखा होगा कि जब आप  गर्मियों में कपड़े सुखाने के लिए छत पर डालते हैं तो कपड़े बहुत जल्दी सूख जाते हैं क्योंकि गर्मी में हवा रूखी हो जाती है जिस वजह से वाष्पीकरण बहुत जल्दी होता है और कपड़े बहुत जल्दी सूख जाते हैं। पर यही आप जब सर्दियों में कपड़े धो कर छत पर सूखने के लिए डालते हैं तो उन कपड़ों को सूखने में टाइम लगता है क्योंकि मौसम ठंडा होता है और वाष्पीकरण धीरे से हो जाता है । इसी प्रकार जब खुले मैदानों में  पानी का छिड़काव किया जाता है तो गर्मियों के दिनों में तो जमीन बहुत जल्दी सूख जाते हैं पर सर्दियों में थोड़ी मुश्किल से सूखते हैं।