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उनके परिवार वालों ने ढूढ़ने की काफी कोशिश की मगर बिनीता के पति का कोई पता नहीं चला. उनके बच्चे उस समय काफी छोटे थे. लगभग डेढ़ साल तक इंतजार करने के बाद भी जब बिनीता को पति की कोई खोज-खबर नहीं मिली तो उन्होंने अपने बलबूते पर बच्चों की परवरिश शुरू कर दी और बच्चों को ट्यूशन देने लगीं.